BA Semester-5 Paper-2A History - History of Modern World (1453 A.D-1815 A.D) - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A इतिहास - आधुनिक विश्व का इतिहास (1453 ई. से 1815 ई.) - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A इतिहास - आधुनिक विश्व का इतिहास (1453 ई. से 1815 ई.)

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2787
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A इतिहास - आधुनिक विश्व का इतिहास (1453 ई. से  1815 ई.) - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के कारणों की व्याख्या कीजिए।

अथवा
तीस वर्षीय युद्ध के प्रारम्भ होने के क्या कारण थे?
अथवा
तीस वर्षीय युद्ध के धार्मिक कारण क्या थे?
अथवा
तीस वर्षीय युद्ध के क्या कारण थे?

उत्तर -

तीस वर्षीय युद्ध

प्रतिक्रियावादी धर्म सुधार आन्दोलन का अन्तिम महत्त्वपूर्ण परिणाम तीस वर्षीय युद्ध था। प्रतिक्रियावादी आन्दोलन के अन्तर्गत प्रोटेस्टेन्टवाद की बढ़ती हुई प्रगति को रोकने के लिए सुनियोजित ढंग से कठोर दमन नीति अपनायी गयी इससे प्रोटेस्टेन्ट बहुत भयभीत हो गये और अन्त में उन्होंने इसका सामना करने का निश्चय किया और इस प्रकार तीस वर्षीय युद्ध प्रारम्भ हो गया- लॉर्ड एक्टन धर्म सुधार आन्दोलन के फलस्वरूप जर्मन राज्यों का धार्मिक दृष्टि में दो गुटों में विभाजन हो गया था। यद्यपि सन् 1555 ई. की ऑग्सबर्ग की सन्धि के द्वारा धार्मिक समस्या का स्थायी समाधान करने का प्रयास किया गया था। किन्तु इस क्षेत्र में सफलता नहीं मिली। सत्रहवीं शताब्दी के प्रारम्भ तक यह समस्या यथावत् बनी रही। सन् 1618 ई. में इस समस्या को लेकर एक युद्ध प्रारम्भ हुआ जो सन् 1648 ई. तक निरन्तर चलता रहा। इसीलिए इस युद्ध को तीस वर्षीय युद्ध के नाम से जाना जाता है।

तीस वर्षीय युद्ध के प्रमुख कारण

तीस वर्षीय युद्ध का प्रारम्भ जर्मनी के गृह युद्ध के रूप में हुआ था, किन्तु शीघ्र ही इसने एक अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप ग्रहण कर लिया। इस युद्ध में ऑस्ट्रिया, बोहेमिया, डेनमार्क, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, नीदरलैण्ड्स आदि यूरोपीय राज्यों ने भी भाग लिया था। यद्यपि इसका प्रारम्भ धार्मिक समस्या के समाधान हेतु हुआ था तथापि इसके मूल में कुछ राजनीतिक एवं आर्थिक समस्याएँ भी निहित थीं।

यूरोप में कैथोलिक एवं प्रोटेस्टेंटों के बीच उत्पन्न तनाव व संघर्ष ने कई धर्मयुद्धों को जन्म दिया। धर्मयुद्धों की परिणति तीस वर्षीय युद्ध के रूप में हुई। यह युद्ध 1618 से 1648 के बीच लड़ा गया। यह धर्मसुधारवादियों एवं प्रतिक्रियावादी ताकतों के संघर्ष का चरम परिणति था। प्रतिक्रियावादी आन्दोलन प्रोटेस्टेंटों की बढ़ती ताकत से सशंकित था वह सुनियोजित ढंग से उसका दमन कर रहा था। प्रोटेस्टेंट ने भी उनका सामना डटकर किया। धर्म सुधार के कारण जर्मनी धार्मिक रूप से दो गुटों में बँट गया था। ऑग्सबर्ग की सन्धि द्वारा धार्मिक मामलों का स्थायी समाधान खोजने का प्रयत्न हुआ परन्तु यह सन्धि भी उसे रोकने में असफल सिद्ध हुयी। तीस वर्षीय युद्ध की शुरूआत जर्मनी से हुई परन्तु शीघ्र ही इसने अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप ग्रहण कर लिया। यूरोप के अन्य राष्ट्र भी इसमें सम्मिलित हो गये। इस युद्ध का एकमात्र कारण धर्म ही नहीं था। हैप्सबर्ग व बूब वंश की प्रतिद्वंद्विता भी इसका एक कारण था। निरंकुश राजाओं की महत्वाकांक्षा इसके लिए कम उत्तरदायी क़ारक नहीं था। इसके मूल में धार्मिक समस्याओं के अलावा आर्थिक एवं राजनैतिक कारक भी जिम्मेदार थे। संक्षेप में तीस वर्षीय युद्ध के प्रमुख कारणों का वर्णन निम्नलिखित हैं -

1. बोहेमिया का विद्रोह - तीस वर्षीय युद्ध की शुरूआत बोहेमिया में हुई। धीरे-धीरे यह युद्ध सारे जर्मनी में फैल गया। सारे जर्मनी के शासक प्रत्यक्ष रूप से इसमें शामिल हो गये। कभी युद्ध का स्वरूप धार्मिक रहा, तो कभी राजनीतिक, कभी दोनों। विभिन्न राष्ट्रों ने समय-समय पर युद्ध में विशेष हस्तक्षेप किया। तीस वर्षीय युद्ध का तात्कालिक कारण था - पवित्र रोमन सम्राट द्वारा बोहेमिया में अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास 1618 में जब बोहमिया की गद्दी खाली हुई तब पवित्र रोमन सम्राट मैथियस ने अपने एक सम्बन्धी 'स्टीरिया' के ड्यूक फर्डीनेंड को यहाँ का राजा बनाने का षड्यंत्र किया। बोहमिया की डायट को फर्डीनेंड को राजा स्वीकार करने के लिए बाध्य किया गया। वहाँ पर लूथरवाद का बहुमत था। सम्राट फर्डीनेंड ने प्रोटेस्टेंट लोगों ने सम्राट की सत्ता तथा के मुख्यालय पर चेक लोगों ने आक्रमण कर दिया। उनके विद्रोह को दबाकर अधिसत्ता बनाये रखने का प्रयास हुआ। बोहमियावासियों ने कर्डीनेंड को गद्दी से उतारने व नये राजा के निर्वाचन की घोषणा की। प्रोटेस्टेंट संघ के नेता 'पेलेटाइन के एलेक्टर' को बोहमिया का राजा घोषित किया गया। वह फ्रेडरिक पंचम के नाम से बोहमिया की गद्दी पर बैठा। इसी बीच फर्डीनेंड ने पोप से आर्थिक सहायता प्राप्त कर 'ह्वाइट माउण्टेन के युद्ध' में बोहेमियावासियों को परास्त कर दिया। स्पेनी सेनापति 'टिलि' ने फ्रेडरिक पंचम को बोहमिया छोड़ने के लिए बाध्य किया। बोहमिया के युद्ध के दो परिणाम निकले। पहला, स्पेन ने राइनक्षेत्र में प्रभुत्व स्थापित कर फ्रांस, डच तथा नीदरलैण्ड के विरुद्ध अपनी स्थिति मजबूत कर ली एवं दूसरा, बोहमिया पर हैप्सबर्ग सम्राट का प्रभुत्व फिर से स्थापित हो गया।

2. राजनीतिक कारण - यद्यपि तीस वर्षीय युद्ध का स्वरूप धार्मिक था। फिर भी इस युद्ध की पृष्ठभूमि में राजनीतिक महत्वकांक्षाए छिपी हुयी थी। एक तरफ पवित्र रोमन सम्राट जर्मनी में केन्द्रीयकरण की नीति को लागू कर अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा था। दूसरी तरफ, जर्मनी के विभिन्न राज्यों के शासक अपने परम्परागत अधिकारों व स्वतंत्रता को बनाये रखने को कटिबद्ध थे। यूरोप के कतिपय देश - डेनमार्क, स्वीडन, फ्रांस अपने राजनीतिक स्वार्थो के पूर्ति के लिए इस युद्ध में भाग लेने के इच्छुक थे। फ्रांस सीमा विस्तार की नीति को अपनाकर यूरोपीय राजनीति का सिरमौर बनाना चाहता था। स्वीडन तथा डेनमार्क की अपनी-अपनी नीतियाँ थी। स्वीडन बाल्टिक सागर पर आधिपत्य चाहता था। इन सारे प्रयासों के कारण तीस वर्षीय युद्ध का स्वरूप विशुद्ध राजनीतिक होता जा रहा था।

यद्यपि तीस वर्षीय युद्ध का मूल स्वरूप धार्मिक था। तथापि इस युद्ध की पृष्ठभूमि में विभिन्न शासकों की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएँ भी निहित थीं। एक तरफ पवित्र रोमन सम्राट फर्नीनेण्ड द्वितीय जर्मनी में केन्द्रीयकरण की नीति को लागू करके अपनी शक्ति को मजबूत करने का इच्छुक था, किन्तु दूसरी ओर जर्मनी के विभिन्न राज्यों के शासक अपने परम्परागत अधिकारों व स्वतन्त्रता को बनाये रखना चाहते थे। इसके अतिरिक्त यूरोप के कुछ अन्य देश- फ्रांस, स्वीडन, डेनमार्क आदि अपने राजनीतिक स्वार्थों को पूर्ति के लिए इस युद्ध में भाग लेने के इच्छुक थे। फ्रांस, यूरोपीय राजनीति में अपनी प्रधानता स्थापित सीमा का विस्तार करना चाहता था। इसी प्रकार स्वीडन और डेनमार्क क्रमश: बाल्टिक सागर तथा उत्तरी सागर पर अधिकार के लिए प्रयत्नशील थे। इन प्रयासों के कारण ही तीस वर्षीय युद्ध का स्वरूप अन्तिम चरण में पहुँचते-पहुँचते विशुद्ध राजनीतिक हो गया था।

3. आर्थिक कारण - तीस वर्षीय युद्ध का आर्थिक पहलू भी था। बाल्टिक राज्यों की महत्वाकांक्षा और बाल्टिक समुद्र में बढ़ता हुआ व्यापार भी इस युद्ध का एक प्रमुख कारण बना। बाल्टिक समुद्र के व्यापार पर डेनमार्क का नियंत्रण था। डेनमार्क का व्यवसाय व क्षेत्रफल बढ़ता जा रहा था, किन्तु इधर स्वीडन भी एक सैनिक व व्यवसायिक शक्ति के रूप में उभर रहा था, उसकी क्षेत्रीय महत्वाकांक्षा भी बढ़ती जा रही थी। इन राज्यों के अतिरिक्त 'लूबेक' और 'ब्रीमेन' के पुराने नगर अपने व्यवसाय व सम्पन्नता को बनाये रखने को इच्छुक थे। उत्तरी जर्मन राज्य भी बाल्टिक क्षेत्र में प्रभुत्व स्थापित करना चाहते थे। उधर, स्पेन, फ्रांस और इंग्लैण्ड भी बाल्टिक देशों के साथ अपना व्यापार बढ़ाना चाहते थे। नीदरलैण्ड, जिसने उत्तरी समुद्री व्यापार में अपनी बढ़त हासिल कर ली थी, बाल्टिक क्षेत्र में अपनी स्थिति सुधारना चाहता था।

इस प्रकार बाल्टिक समुद्र का बढ़ता व्यापार तीस वर्षीय युद्ध के प्रमुख कारणों में से एक बना। पश्चिमी यूरोप के देश या तो इसमें अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना चाहते थे या फिर इस पर एकाधिकार चाहते थे। इस दिशा में स्वीडन व डेनमार्क के प्रयास उल्लेखनीय रहे। उत्तरी जर्मनी के राज्य अपेक्षाकृत कमजोर स्थिति में थे, वे सिर्फ बाल्टिक समुद्र में अपनी व्यापारिक भागीदारी चाहते थे। स्वीडन का एक प्रमुख व्यापारिक व सैन्य शक्ति के रूप में उभार, एक प्रमुख सामरिक शक्ति के रूप में प्रकट हुआ। उसने डेनमार्क के प्रभुत्व को चुनौती दी। उसके इस कार्य में फ्रांस व इंग्लैण्ड का भी साथ मिला। फ्रांस व इंग्लैण्ड बाल्टिक देशों के साथ अपना व्यापार उन्नत करना चाहते थे।

ऑग्सबर्ग सन्धि का आर्थिक पहलू भी तीस वर्षीय युद्ध के प्रमुख कारणों में से एक बना। इस सन्धि के परिणामस्वरूप कैथोलिक चर्च को आर्थिक नुकसान हुआ, उसके अधिकांश संपत्ति पर प्रोटेस्टेंटो का अधिकार हो गया। उसकी आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन गिरने लगी।

तीस वर्षीय युद्ध का आर्थिक पहलू भी था। आंग्सबर्ग की सन्धि की शर्तों के फलस्वरूप कैथोलिक की सम्पत्ति के अधिकांश भाग पर प्रोटेस्टेन्ट ने अधिकार कर लिया था। जिसके कारण कैथोलिक चर्च की आय में कमी हो गयी और उसकी आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन गिरने लगी थी यह आर्थिक समस्या भी तीस वर्षीय युद्ध का प्रमुख कारण बनीं।

4. तात्कालिक कारण - बोहेमिया का विद्रोह तीस वर्षीय युद्ध का तात्कालिक कारण सिद्ध हुआ। बोहेमिया की जनता प्रोटेस्टेन्ट मत की समर्थक थी तथा इस राज्य में कैल्विनवाद का पूरा प्रभाव था। दूसरी ओर पवित्र रोमन सम्राट फर्डीनेण्ड द्वितीय कट्टर कैथोलिक था। उसकी प्रोटेस्टेन्ट विरोधी नीतियों में आतंकित होकर जर्मनी के प्रोटेस्टेन्ट समर्थकों ने सन् 1608 ई. में पेलेटाइन के शासक फ्रेडरिक के नेतृत्व में एक प्रोटेस्टेन्ट संघ की स्थापना से कुपित होकर प्रोटेस्टेन्ट के विरुद्ध अनेकों दमनकारी आदेश जारी कर दिए। प्रोटेस्टेन्ट ने इन आदेशों का विरोध करने का निश्चय किया और अपने संघ की ओर से सम्राट ने उस सभा को आयोजित करने पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया।

इस घटना से प्रोटेस्टेन्ट समर्थकों के क्रोध की सीमा टूट गयी। उन्होंने सन् 1618 ई. में प्राग के किले में जबरन प्रवेश किया और इस किले में उपस्थित कुछ अधिकारियों को उठाकर खिड़की में से बाहर फेंक दिया। यह बोहेनिया को प्रोटेस्टेन्ट जनता का सम्राट फर्डीनेण्ड के विरुद्ध खुला विद्रोह था। जिसने कालान्तर में तीस वर्षीय युद्ध का स्वरूप धारण किया था।

थ्रेचर के शब्दों में - बोहेमिया के निवासियों ने फर्डीनेण्ड द्वितीय की प्रोटेस्टेन्ट विरोधी नीति के विरोध में विद्रोह कर दिया। विद्रोहियों ने शाही अधिकारियों को खिड़की से बाहर फेंक दिया और पेलेटाइन के शासक फ्रेडरिक को अपना सम्राट स्वीकार कर लिया। फ्रेडरिक द्वारा सम्राट पद हेतु प्रदान की गयी सहमति फर्डीनेण्ड द्वितीय के लिए प्रत्यक्ष चुनौती थी, जिसके फलस्वरूप सन् 1618 ई. में तीस वर्षीय युद्ध प्रारम्भ हो गया।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- यूरोप में राष्ट्रीय राज्यों के उदय का वर्णन कीजिए और उनके पतन की समीक्षा कीजिए
  2. प्रश्न- फिलिप-II की विदेश नीति एवं धार्मिक नीति की विवेचना कीजिए।
  3. प्रश्न- फिलिप-II की धार्मिक नीति पर प्रकाश डालिए।
  4. प्रश्न- एक वंशानुगत शासक के रूप में चार्ल्स पंचम की समस्याओं का वर्णन कीजिए।
  5. प्रश्न- रूस के आधुनिकीकरण हेतु पीटर महान ने क्या उपाय किये
  6. प्रश्न- "एलिजाबेथ का शासनकाल इंग्लैंड के इतिहास का स्वर्ण युग था।' इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  7. प्रश्न- सामन्तवाद के पतन के लिए उत्तरदायी कारणों का उल्लेख कीजिए। (कानपुर 2012)
  8. प्रश्न- यूरोपीय सामन्तवाद की विशेषतायें बताइये।
  9. प्रश्न- स्पेन के सम्राट चार्ल्स पंचम पर संक्षिप्त नोट लिखिए।
  10. प्रश्न- राष्ट्रीय राज्यों के उदय के कारण स्पष्ट कीजिए।
  11. प्रश्न- निरंकुशवाद की विशेषतायें बताइये।
  12. प्रश्न- राष्ट्रीय राज्यों के उदय के परिणामों पर प्रकाश डालिए।
  13. प्रश्न- स्पेन के उत्कर्ष के क्या कारण थे?
  14. प्रश्न- रूस के पीटर महान का प्रबुद्ध निरंकुश शासक के रूप में मूल्याँकन कीजिए।
  15. प्रश्न- चार्ल्स पंचम के शासनकाल की प्रमुख गतिविधियों का वर्णन कीजिए।
  16. प्रश्न- चार्ल्स पंचम की गृह नीति की विवेचना कीजिए।
  17. प्रश्न- सोलहवीं सदी में यूरोप में राष्ट्रीयता का उदय किन तत्वों के अन्तर्सयोजन का परिणाम था?
  18. प्रश्न- स्पेन के पंतन के क्या कारण थे?
  19. प्रश्न- नीदरलैण्ड के विद्रोह के क्या कारण थे?
  20. प्रश्न- हेनरी चतुर्थ ने फ्रांस को किस प्रकार सुदृढ़ किया था? स्पष्ट कीजिए।
  21. प्रश्न- प्रबुद्ध निरंकुशवाद से आप क्या समझते हैं?
  22. प्रश्न- कैथेरिन द्वितीय के जीवन चरित्र एवं कार्यों का मूल्याँकन कीजिए।
  23. प्रश्न- पीटर महान की 'खुली खिड़की' की नीति के विषय में आप क्या जानते थे? इस नीति के क्रियान्वयन में वह कहाँ तक सफल रहा?
  24. प्रश्न- प्रबुद्ध निरंकुशवाद के पतन के क्या कारण थे?
  25. प्रश्न- फर्डीनेण्ड और ईसाबेला की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
  26. प्रश्न- फिलिप द्वितीय की गृहनीति की विवेचना कीजिए।
  27. प्रश्न- तानाशाही के गुण एवं दुर्गुण क्या हैं?
  28. प्रश्न- हेनरी चतुर्थ की विदेश नीति पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  29. प्रश्न- हेनरी सप्तम की गृहनीति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  30. प्रश्न- कैथरीन द्वितीय की धार्मिक नीति का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- हेनरी अष्टम् की धार्मिक नीति का वर्णन कीजिए।
  32. प्रश्न- मेरी ट्यूडर का मूल्याँकन कीजिए।
  33. प्रश्न- चार्ल्स द्वितीय की विदेश नीति पर प्रकाश डालिए।
  34. प्रश्न- हेनरी अष्टम् व पोप के मध्य संघर्ष का वर्णन कीजिए।
  35. प्रश्न- चार्ल्स पंचम की धार्मिक नीति पर प्रकाश डालिए।
  36. प्रश्न- क्या फ्रेडरिक महान को सही अर्थों में एक प्रबुद्ध निरंकुश शासक कहा जा सकता है?
  37. प्रश्न- लुई ग्यारहवाँ क्या वास्तव में 'फ्रांसीसी राष्ट्र निर्माता' था? स्पष्ट कीजिए।
  38. प्रश्न- प्रोटेस्टेण्ट धर्म की विशेषताएँ क्या थीं?
  39. प्रश्न- 16वीं सदी की धार्मिक उथल-पुथल का क्या प्रभाव पड़ा?
  40. प्रश्न- काल्विनवाद की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  41. प्रश्न- ऐंग्लिकन चर्च का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- काल्विनवाद के प्रमुख सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- पुनर्जागरण से क्या तात्पर्य है? पुनर्जागरण के विभिन्न कारणों का उल्लेख कीजिए।
  44. प्रश्न- पुनर्जागरण के कारणों का उल्लेख कीजिए।
  45. प्रश्न- यूरोपीय देशों के जनजीवन पर पुनर्जागरण के प्रभावों की विस्तार सहित व्याख्या कीजिए?
  46. प्रश्न- यूरोप में पुनर्जागरण के फलस्वरूप मानव के सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक क्षेत्र में क्या परिवर्तन हुए? स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- पुनर्जागरण की शुरूआत इटली से ही क्यों हुई?
  48. प्रश्न- पुनर्जागरण की प्रमुख विशेषताएँ या लक्षण क्या थे?
  49. प्रश्न- पुनर्जागरण का राजनीतिक क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ा था?
  50. प्रश्न- पुनर्जागरण का स्थापत्य कला के क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ा?
  51. प्रश्न- पुनर्जागरण का मूर्तिकला के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
  52. प्रश्न- पुनर्जागरण का संगीत कला पर क्या प्रभाव पड़ा?
  53. प्रश्न- पुनर्जागरण का विज्ञान के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
  54. प्रश्न- पुनर्जागरणकाल के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  55. प्रश्न- जर्मनी में पुनर्जागरण पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  56. प्रश्न- रोम में पुनर्जागरण से आप क्या समझते हैं?
  57. प्रश्न- पुनर्जागरण काल में इटली में साहित्य एवं कला के विकास की विवेचना कीजिए।
  58. प्रश्न- पुनर्जागरण का साहित्य के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
  59. प्रश्न- यूरोप में धर्म सुधार आन्दोलन का वर्णन कीजिए। काल्विनवाद तथा लूथरवाद की तुलना कीजिए।
  60. प्रश्न- काल्विनवाद से आप क्या समझते हैं? काल्विन का लूथर से तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  61. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के महत्व एवं परिणामों का वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- धार्मिक सुधार प्रतिक्रिया आन्दोलन में कौन-कौन से सहायक तत्त्व थे?
  63. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? इस आन्दोलन की पृष्ठभूमि तथा कारणों की व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के तात्कालिक कारण बताइये।
  65. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के बौद्धिक जागरण सम्बन्धी कारण बताइये।
  66. प्रश्न- धर्म सुधार के आर्थिक एवं धार्मिक कारणों का उल्लेख कीजिए।
  67. प्रश्न- धर्म सुधार के राजनीतिक कारणों को समझाइये।
  68. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन में मार्टिन लूथर के योगदान का मूल्यांकन कीजिए।
  69. प्रश्न- प्रतिधर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझतें हैं?
  70. प्रश्न- "धर्म सुधार आन्दोलन पोप-पद की सांसारिकता का भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक नैतिक विद्रोह था।' वाइनर एवं मार्टिन के इस कथन की विवेचना कीजिए।
  71. प्रश्न- प्रति धर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व और परिणामों का विश्लेषण कीजिए।
  72. प्रश्न- प्रतिवादी धर्म सुधार आन्दोलन को निरूपित कीजिए।
  73. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के क्या कारण थे?
  74. प्रश्न- धर्म सुधार आंदोलन के परिणामों की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  75. प्रश्न- मार्टिन लूथर के बारे में आप क्या जानते हैं?
  76. प्रश्न- मार्टिन लूथर के विचारों को स्पष्ट कीजिए।
  77. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के आर्थिक कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  78. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के क्या राजनीतिक कारण थे?
  79. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन का तात्कालिक कारण क्या था?
  80. प्रश्न- आग्सबर्ग संधि की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  81. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन का यूरोप के राजनैतिक और आर्थिक विकास पर क्या प्रभाव पड़ा?
  82. प्रश्न- ऐंग्लिकन विचारधारा का धर्म सुधार आन्दोलन में क्या योगदान रहा?
  83. प्रश्न- इंग्लैंड में धर्म सुधार के क्या कारण थे?
  84. प्रश्न- जैसुइट संघ का महत्व बताइए।
  85. प्रश्न- फ्रांस में धर्म सुधार आन्दोलन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  86. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के स्वरूप को बताइये।
  87. प्रश्न- जर्मनी के धर्म सुधार आन्दोलन के क्या कारण थे?
  88. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
  89. प्रश्न- यूरोप में कैथोलिक चर्च ने धार्मिक आन्दोलनों को रोकने के लिए क्या प्रयास किए? इन प्रयासों में उसे कहाँ तक सफलता प्राप्त हुई?
  90. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के विकास की प्रमुख घटनाओं का सविस्तार वर्णन कीजिए।
  91. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के कारणों की व्याख्या कीजिए।
  92. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के क्या परिणाम हुए व इसका यूरोपीय इतिहास में क्या महत्व है?
  93. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के परिणामों को संक्षेप में बताइए।
  94. प्रश्न- वेस्टफालिया की सन्धि पर संक्षित टिपणी लिखिए।
  95. प्रश्न- वेस्टफेलिया की सन्धि के क्या प्रावधान थे?
  96. प्रश्न- वेस्टफेलिया की सन्धि के क्या परिणाम हुए?
  97. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध में स्पेन की पराजय के क्या कारण थे?
  98. प्रश्न- इंग्लैण्ड ने सन् 1688 ई. की क्रान्ति के कारणों तथा परिणामों की व्याख्या कीजिए। इस क्रान्ति को 'गौरवपूर्ण (वैभवशाली) क्रान्ति तथा रक्तहीन क्रान्ति क्यों कहा जाता है?
  99. प्रश्न- 1688 ई. क्रान्ति के प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए।
  100. प्रश्न- क्रान्ति के प्रभाव अथवा परिणामों का वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- हेनरी सप्तम ने इंग्लैण्ड में किस प्रकार एक सुदृढ़ राज्य की स्थापना की थी? समझाइये।
  102. प्रश्न- हेनरी सप्तम की गृह नीति अथवा आन्तरिक उपलब्धियों के बारे में ज्ञात कीजिए।
  103. प्रश्न- हेनरी सप्तम की सफलता के कारणों पर प्रकाश डालिए।
  104. प्रश्न- हेनरी सप्तम की विदेश नीति के बारे में बताइए।
  105. प्रश्न- एलिजाबेथ का शासनकाल इंग्लैण्ड के इतिहास में स्वर्ण युग था। इस कथन के औचित्य को सिद्ध कीजिए।
  106. प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन में संसदीय सुधारों का क्रमागत अध्ययन प्रस्तुत कीजिए। (कानपुर 2018)
  107. प्रश्न- एलिजाबेथ के शासनकाल में इंग्लैण्ड की नीति के प्रमुख उद्देश्य क्या थे?
  108. प्रश्न- एलिजाबेथ की वैदेशिक उपलब्धियों को समझाइये।
  109. प्रश्न- गौरवपूर्ण क्रान्ति के धार्मिक परिणाम क्या निकले?
  110. प्रश्न- गुलाबों के युद्ध के महत्त्व को समझाइए।
  111. प्रश्न- इंग्लैण्ड की क्रान्ति की विवेचना कीजिए।
  112. प्रश्न- इंग्लैण्ड की वैभवपूर्ण क्रान्ति का महत्व बताइये।
  113. प्रश्न- एलिजाबेथ के समझौते पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  114. प्रश्न- चार्ल्स द्वितीय कौन था?
  115. प्रश्न- इंग्लैंड के द्वितीय गृहयुद्ध (1646-1649 ई.) के संक्षिप्त परिणाम लिखिए।
  116. प्रश्न- एलिजाबेथ के चरित्र का वर्णन कीजिए।
  117. प्रश्न- 1688 की गौरवपूर्ण क्रान्ति के राजनीतिक, धार्मिक तथा तात्कालिक कारणों को संक्षेप में बताइए।
  118. प्रश्न- इंग्लैण्ड की क्रान्ति को रक्तहीन क्रान्ति क्यों कहा जाता है?
  119. प्रश्न- इंग्लैण्ड के भारतीय उपनिवेश की स्थापना पर प्रकाश डालिए।
  120. प्रश्न- इंग्लैण्ड की एलिजाबेथ प्रथम की विदेश नीति का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
  121. प्रश्न- 'इंग्लैण्ड' में संसदीय व्यवस्था पर टिप्पणी लिखिये।
  122. प्रश्न- गौरवपूर्ण क्रांति के परिणाम स्पष्ट कीजिए।
  123. प्रश्न- इंग्लैंड द्वारा उत्तरी अमेरिका में उपनिवेश की स्थापना का वर्णन कीजिए।
  124. प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति से आप क्या समझते हैं? अमेरिकी क्रान्ति के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  125. प्रश्न- अमेरिका की क्रांति के घटना चक्र का वर्णन कीजिए।
  126. प्रश्न- क्रान्ति पूर्ण अमेरिका की स्थिति पर प्रकाश डालिए तथा अंग्रेजों की असफलता के कारण बताइए।
  127. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति का स्वरूप क्या था? क्रान्ति के प्रभावों की विवेचना कीजिए।
  128. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के महत्व का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
  129. प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  130. प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति प्रभावों को विवेचना कीजिए।
  131. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति का स्वरूप बताइए।
  132. प्रश्न- अमेरिका में उपनिवेशवाद के महत्व पर प्रकाश डालिये।
  133. प्रश्न- अमेरिका के स्वतन्त्रता संग्राम के दो कारण बताइये।
  134. प्रश्न- 'बोस्टन टी पार्टी' से आप क्या समझते हैं?
  135. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के प्रमुख कारणों में उस पर इंग्लैण्ड द्वारा लगाये जाने वाले नवीन कर व एक्ट भी थे। स्पष्ट कीजिए।
  136. प्रश्न- अमेरिकी क्रांति के महत्व का परीक्षण कीजिए
  137. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के परिणामों को संक्षेप में बताइए।
  138. प्रश्न- "फ्रांस की क्रांति जितनी शस्त्रों का संघर्ष थी उतनी ही विचारों की " कथन को स्पष्ट कीजिए।
  139. प्रश्न- 1789 की क्रांति से पूर्व फ्रांस की राजनैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक दशा का वर्णन कीजिए।
  140. प्रश्न- 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के तात्कालिक, सामाजिक तथा राजनीतिक कारणों को बताइए।
  141. प्रश्न- बौद्धिक आन्दोलन का फ्रांस की क्रांति पर क्या प्रभाव पड़ा?
  142. प्रश्न- फ्राँस में ही क्रान्ति क्यों हुई? स्पष्ट करें।
  143. प्रश्न- फ्रांस की राज्य क्रान्ति के क्या परिणाम थे?
  144. प्रश्न- सन् 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के महत्त्व पर प्रकाश डालिए। फ्रांस में ही क्रान्ति पहले क्यों हुई?
  145. प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति के प्रारम्भ होने के प्रमुख कारण बताइये।
  146. प्रश्न- स्वतन्त्रता, समानता तथा बन्धुत्व की भावनाएँ 1789 की फ्रांसीसी क्रान्ति का परिणाम थी। परीक्षण कीजिए।
  147. प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति (सन् 1789 ई.) के राजनैतिक कारण बताइए।
  148. प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति की उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
  149. प्रश्न- रूसो कौन था उसके विचारों की समीक्षा कीजिए।
  150. प्रश्न- 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के आर्थिक कारणों की विवेचना कीजिए।
  151. प्रश्न- दांते कौन था? फ्रांसीसी क्रान्ति में उसका क्या योगदान रहा?
  152. प्रश्न- वाल्टेयर तथा दिदरों के विचारों को स्पष्ट कीजिए।
  153. प्रश्न- क्वेस्ने तथा मान्टेस्क्यू के विचारों को प्रस्तुत कीजिए।
  154. प्रश्न- फ्रांसीसी क्रांति का प्रारम्भ किस प्रकार हुआ?
  155. प्रश्न- 1789 की फ्रांस की क्रांति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  156. प्रश्न- बास्तील के पतन पर संक्षित टिपणी लिखिये।
  157. प्रश्न- फ्रांस की पुरातन व्यवस्था की मुख्य कमियों की विवेचना कीजिए।
  158. प्रश्न- "जैकोबिन क्लब" की फ्रांस की क्रांति में क्या भूमिका थी?
  159. प्रश्न- जिरोंदिस्तों की फ्रांस की क्रांति में क्या भूमिका थी?
  160. प्रश्न- 1789 ई. में फ्रांस की क्रांति के समय तत्कालीन राजा और रानी की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  161. प्रश्न- फ्रांस में 14 जुलाई का महत्व क्यों है?
  162. प्रश्न- "नेपोलियन क्रांति का मित्र एवं शत्रु दोनों था।" चर्चा कीजिये।
  163. प्रश्न- 1799 के संविधान पर प्रकाश डालिए। प्रथम सलाहकार के रूप में नेपोलियन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  164. प्रश्न- नेपोलियन की महाद्वीपीय व्यवस्था क्या थी? इसकी असफलता के क्या कारण थे?
  165. प्रश्न- महाद्वीपीय व्यवस्था की असफलता को समझाइए।
  166. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट के पतन के क्या कारण थे?
  167. प्रश्न- "मैं क्रान्ति का पुत्र हूँ।"मैंने क्रान्ति को नष्ट किया।" नेपोलियन के इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  168. प्रश्न- 'यदि नेपोलियन बोनापार्ट का अन्त वर्ष 1807 में हो जाता, तो वैश्विक सैन्य इतिहास में वह सर्वश्रेष्ठ माना जाता।" कथन का परीक्षण कीजिए।
  169. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांस के पुनर्निर्माण के लिए क्या प्रयत्न किये?
  170. प्रश्न- नेपोलियन की महाद्वीपीय व्यवस्था संक्षेप में बताइए।
  171. प्रश्न- टिलसिट की सन्धि पर एक टिप्पणी लिखिए।
  172. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट के प्रारम्भिक जीवन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  173. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट वाटरलू के युद्ध में क्यों असफल रहा?
  174. प्रश्न- 1804 1807 के मध्य नेपोलियन के उत्कर्ष पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  175. प्रश्न- नेपोलियन के सौ दिनों के शासन पर लेख लिखिए।
  176. प्रश्न- सम्राट के रूप में नेपोलियन का मूल्यांकन कीजिए।
  177. प्रश्न- नेपोलियन युग का महत्व स्पष्ट कीजिए।
  178. प्रश्न- नेपोलियन द्वारा राजतन्त्रवादियों के विद्रोहों के दमन पर लघु लेख लिखिए।
  179. प्रश्न- नेपोलियन पर रोमन कानून का क्या प्रभाव पड़ा?
  180. प्रश्न- नेपोलियन की सफलता के प्रमुख कारण कौन-कौन से थे? स्पष्ट कीजिए।
  181. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांस के सम्राट का पद कैसे ग्रहण किया? अतः जनता ने उसे क्यों मान्यता दी?
  182. प्रश्न- नेपोलियन के प्रशासन सम्बन्धी सुधारों का वर्णन करो?
  183. प्रश्न- नेपोलियन प्रथम के पतन के कारणों पर प्रकाश डालिए।
  184. प्रश्न- प्रथम कॉन्सल के रूप में नेपालियन द्वारा किए गए सुधारों का वर्णन कीजिए।
  185. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट का मूल्यांकन कीजिए।
  186. प्रश्न- नेपोलियन के सार्वजनिक और शिक्षा सम्बन्धी सुधारों का वर्णन कीजिए?

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